Saturday, November 8, 2025
spot_imgspot_img

Top 5 This Week

Related News

तृणमूल में वापस लौटे शोभन चटर्जी, ‘दूसरी पारी’ में साथ दिखीं बैशाखी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति में बहुचर्चित चेहरा, पूर्व कोलकाता मेयर शोभन चटर्जी ने सोमवार को आधिकारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी कर ली। पार्टी मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में शोभन और उनकी करीबी सहयोगी बैशाखी बनर्जी ने अपनी राजनीतिक दूसरी पारी की शुरुआत की। तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं सुब्रत बक्सी और अरूप विश्वास ने उनका पार्टी में स्वागत किया। काफी समय से उनकी वापसी की अटकलें जारी थीं। बीते महीने उन्हें न्यू टाउन कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनकेडीए) का चेयरमैन बनाए जाने के बाद ये कयास और तेज हो गए थे। अंततः सोमवार को सब स्पष्ट हो गया। सरकारी जिम्मेदारी के बाद पार्टी में उनका आना राजनीतिक संकेतों को और मजबूत करता है। कार्यक्रम के दौरान शोभन चटर्जी ने कहा कि पार्टी ने उन पर जो भी जिम्मेदारी सौंपी है, वह उसे पूरी निष्ठा से निभाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में वे अपने पूरे प्रयास से पार्टी को और मजबूत करेंगे। तृणमूल भवन से कार्यक्रम के पश्चात शोभन और बैशाखी, अभिषेक बनर्जी से मिलने कालीघाट भी पहुंचे।

शोभन और तृणमूल के रिश्तों में खटास वर्ष 2017 से शुरू हुई थी। उन्होंने पहले कोलकाता के मेयर और उसके बाद मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। विधानसभा की कई महत्वपूर्ण समितियों से भी उन्होंने दूरी बना ली और अंततः पार्टी छोड़ दी। इसके बाद 14 अगस्त 2019 को बैशाखी के साथ वे दिल्ली पहुंचे और तत्कालीन भाजपा नेता मुकुल रॉय की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, भाजपा में उन्हें खास अहमियत नहीं मिली। न तो वे किसी बड़े कार्यक्रम में दिखाई दिए और न ही उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट मिला। धीरे-धीरे भाजपा से उनका रिश्ता पूरी तरह समाप्त हो गया। राजनीति से लंबे समय तक दूर रहने के बावजूद, शोभन ने तृणमूल में लौटने की संभावना को कभी पूरी तरह नकारा नहीं। वर्ष 2022 में भाईफोटा के दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पहुंचकर उन्होंने सबको चौंका दिया था। पिछले तीन वर्षों से यह सिलसिला जारी रहा। बीते दिनों उत्तर बंगाल दौरे के दौरान भी उनकी मुलाकात ममता बनर्जी से हुई थी, जिसके बाद से वापसी की तैयारियां तेज मानी जा रही थीं। काफी दिनों से चल रही इस राजनीतिक काउंटडाउन पर आखिरकार विराम लग गया है। शोभन चटर्जी की तृणमूल में वापसी के साथ बंगाल की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं।

Popular Coverage