दार्जिलिंग। सांसद राजू बिष्ट ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर अपने कार्यालय से खींची गई भव्य कंचनजंघा की तस्वीर साझा करते हुए दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, तराई और डुआर्स क्षेत्र की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को भारत की असली धरोहर बताया। राजू बिष्ट ने कहा कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी कंचनजंघा का नज़ारा हमारे क्षेत्र की पहचान है। इसके अलावा धुंध से ढके चाय बागान, विश्व धरोहर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, सुगंधित ऑर्किड, फूल, जैविक सब्ज़ियां, अनानास, संतरे, कॉफी और सबसे बढ़कर यहां के सरल व दयालु लोग इस इलाके को खास बनाते हैं।उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग-कालिम्पोंग पहाड़ और तराई-डुआर्स क्षेत्र भारत की एकता में विविधता का जीवंत उदाहरण है। यहां 107 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं और अलग-अलग जाति-समुदाय के लोग सौहार्द्रपूर्वक रहते हैं।
सांसद ने कहा कि यह क्षेत्र जंगलों, वन्यजीव अभयारण्यों, नदियों, पहाड़ियों और राष्ट्रीय उद्यानों से भरपूर है। रोमांचक अनुभव, स्थानीय संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य की तलाश करने वाले हर पर्यटक के लिए यह सबसे उपयुक्त स्थान है। उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग, तराई और डुआर्स को पूर्वी हिमालय की तीन अनमोल धरोहरें कहा जा सकता है। ये स्थान हर सैलानी को शांति, सुकून और यादगार अनुभव प्रदान करते हैं।



