नागराकाटा/अलीपुरद्वार/बीरपाड़ा (निज संवाददाता)। बोनस की मांग को लेकर बंगले में बंद किये गये धरणीपुर चाय बागान के प्रबंधक राजेन इंदोवार गुरुवार सुबह चुपचाप बंगले से चुपचाप फरार हो गए। दूसरी ओर, देवपाड़ा चाय बागान के श्रमिकों ने बोनस के पैसे जुगाड़ करने के लिये बागान प्रबंधक उत्तम सेनगुप्ता को बागान से बाहर निकाल दिया। इस दिन राज्य सरकार द्वारा घोषित 20 प्रतिशत बोनस की मांग को लेकर दोनों चाय बागानों में श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन और घेराव से बागान का माहौल तनावपूर्ण हो गया।
नागराकाटा ब्लॉक के धरणीपुर चाय बागान में 375 श्रमिकों ने गुरुवार को नकद 20 प्रतिशत बोनस और मजदूरी के बकाया की मांग को लेकर बागान प्रबंधक राजेन इंदोवार को उनके बंगले में बंद कर दिया। उन्होंने उन्हें बाहर नहीं जाने दिया। हालांकि श्रमिक बुधवार सुबह से शुक्रवार तक बंगले के सामने जमा रहे, लेकिन पुलिस तैनात रही। श्रमिक बिशनी उरांव ने कहा कि गुरुवार सुबह 8 बजे पता चला कि प्रबंधक पिछले दरवाजे की टूटी हुई लकड़ी हटाकर भाग गए हैं। बागान के भाजपा नेता गोबिन उरांव ने कहा, हमने प्रबंधक के साथ कुछ नहीं किया। वह आज नकद बोनस दिए बिना क्यों भाग गया? हालांकि प्रबंधक राजेन इंदोआर ने फ़ोन पर बताया कि उन्होंने मुझे बंगले में बंद कर दिया था और मुझे खाने को कुछ नहीं दिया। मैं असुरक्षा से ग्रस्त था। कुछ मजदूरों के प्रयासों से मैं बच निकला। हमने कहा था कि हम अपनी क्षमता के अनुसार शुक्रवार को 10 प्रतिशत बोनस देंगे।
दूसरी ओर, बानरहाट प्रखंड के देवपाड़ा चाय बागान में लगभग 900 मजदूर हैं। मजदूरों ने बुधवार को बागान प्रबंधक उत्तम सेनगुप्ता को बागान से बाहर निकाल दिया, क्योंकि वह बोनस नहीं दे रहे थे। वजह थी मालिक से बोनस के पैसे लेना। बागान अधिकारियों ने कहा था कि वे 10 प्रतिशत बोनस देंगे। मजदूर तीन दिनों से बागान में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और काम पर नहीं जा रहे हैं, उनका कहना है कि वे 20 प्रतिशत से कम कुछ नहीं लेंगे। देवपाड़ा की एक श्रमिक मिनाती खेड़वार ने कहा हम 20 प्रतिशत बोनस लेंगे। इसलिए हमने मैनेजर को मालिक के पास पैसे लाने के लिए भेज दिया है।
बीरपाड़ा के जयबीरपाड़ा चाय बागान में अब बोनस का भुगतान नहीं हुआ है। पूजा चौखट पर है। गुस्साए चाय श्रमिक काम पर जाने के बजाय गुरुवार सुबह से ही बागान के कारखाने और कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। यह विरोध और धरना काफी देर तक जारी रहा। स्थानीय श्रमिक नेता टिंपू उरांव ने कहा कि यहां के जयबीरपाड़ा और बंदापानी चाय बागानों में स्थिति एक जैसी है। कोई बोनस नहीं है। कोई मजदूरी नहीं है। इससे श्रमिकों में असंतोष शुरू हो गया है।
भले ही राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि सभी बागानों को 20 प्रतिशत की दर से बोनस देना होगा, लेकिन श्रमिकों को घोषणा के अनुसार बोनस नहीं मिल रहा है। कोहिनूर चाय बागान में भी यही स्थिति है। कोई बोनस नहीं था। श्रमिक बोनस की मांग के साथ डुआर्स कन्या में श्रम विभाग के अधिकारी से मिलने आए और वापस लौट गए। कोहिनूर चाय बागान के एक श्रमिक कृष्णा माझी ने कहा कि हमें बोनस नहीं दिया गया। हम पूजा कैसे मनाएंगे? मालिक श्रम अधिकारियों की बात नहीं सुन रहे हैं। इस बीच, अलीपुरद्वार जिले में अब तक पचास प्रतिशत श्रमिकों को भी उनका बोनस नहीं मिला है। इस संबंध में श्रम विभाग के उप श्रम आयुक्त गोपाल विश्वास ने कहा कि आज के भीतर ही सभी बागानों में बोनस की समस्या खत्म हो जायेगी। मालिकों को इसी के अनुसार निर्देश दिए गए हैं, लेकिन कई बागानों में अभी तक बोनस नहीं दिया गया है। नाराज भाजपा विधायक मनोज उरांव ने कहा, मुख्यमंत्री धूमधाम से पूजा का उद्घाटन कर रहीं हैं। लेकिन डुआर्स के कई बागान बंद पड़े हैं। कई बागान जर्जर हालत में हैं। इनमें श्रमिकों को बोनस नहीं मिल रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री को उत्तर बंगाल की कोई चिंता नहीं है।



