दिनहाटा (संवाददाता)। स्वयं को बैंक अधिकारी बताते हुए फर्जी कॉल के माध्यम से दिनहाटा के एक वृद्ध दम्पति के खाते से सात लाख रुपए से अधिक राशि उड़ाने वाले के मामले में पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से एक अपराधी को गिरफ्तार किया है। साथ ही, पुलिस ने पकड़े गये व्यक्ति के पास से उड़ाये गये पैसे वापस बरामद कर पीडि़त को दिया है।
मंगलवार को दिनहाटा थाने में एक संवाददाता सम्मेलन कर महकमा पुलिस अधिकारी धीमान मित्रा और आईसी जयदीप मोदक ने यह जानकारी दी। इसी दौरान, उन्होंने बरामद पैसे को ठगी का शिकार हुए व्यक्ति को सौंप दिया।
घटनाक्रम के अनुसार, बीते 1 मार्च को दिनहाटा नगरपालिका के 12 नंबर वार्ड निवासी दीपाली शेठ के पास एक व्यक्ति ने फोन कर स्वयं को को किसी बैंक का कर्मचारी बताते हुए उनके खाते के विवरण मांगे। फोन करने वाले ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विवरण नहीं मिला, तो दीपाली का बैंक खाता बंद हो सकता है। इसके बाद, बिना कुछ सोचे-समझे दीपाली ने अपने बैंक खाते के विवरण फोन करने वाले को दे दिये। इसके तुरंत बाद ही ही उनके बैंक खाते से 7 लाख 69 हजार 700 रुपए गायब हो गये। घटना के बाद, स्वयं को ठगा हुआ जानकर दीपाली ने तुरंत कूचबिहार साइबर क्राइम और दिनहाटा पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
घटना के कई महीनों बाद साइबर क्राइम जांचकर्ताओं की जांच में झारखंड के जामताड़ा योग का पता चला। पता चला कि इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन असल में झारखंड के जामताड़ा जिले के निवासी भरत दे का था। वह व्यक्ति पहले से ही एक अन्य मामले में जामताड़ा जेल में बंद था। इसके बाद पुलिस ने 18 अगस्त को अदालत से प्रोडक्शन वारंट जारी कराया और उसे लेकर दिनहाटा थाने के पुलिस अधिकारी जामताड़ा जाकर भरत दे को जेल से ले आए। यहां शुक्रवार को दिनहाटा एसीजेएम अदालत में पेश करने पर न्यायाधीश ने भरत को आठ दिनों के न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। इसके बाद, 30 अगस्त को उसे फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।
इधर, इस घटना में पैसे बरामद होने के बाद ठगी की शिकार महिला और उसके पति पुलिस की भूमिका से संतुष्ट हैं।