दार्जिलिंग। हाल ही में आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के बाद दार्जिलिंग पहाड़ अब फिर से पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हो गया है। प्रमुख पर्यटन स्थलों सिंहलिला रेंज के सन्दकफू, रॉक गार्डन और टाइगर हिल को पुनः खोल दिया गया है। आज सुबह टाइगर हिल पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे और उन्होंने मनमोहक सूर्योदय तथा कंचनजंघा की बर्फीली चोटियों के अद्भुत दृश्य का आनंद लिया। सुहावने मौसम ने पर्यटकों के अनुभव को और भी खास बना दिया। आपदा के बाद अब परिस्थितियाँ सामान्य हो रही हैं। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े होटल संचालक, ट्रैवल एजेंसियाँ और होमस्टे ऑपरेटर पर्यटकों के आगमन की तैयारी में जुट गए हैं। विदेशी पर्यटक भी अब दार्जिलिंग की गलियों और दर्शनीय स्थलों पर देखे जा रहे हैं। हालांकि आपदा के शुरुआती दिनों में कई पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी थी, लेकिन अब फिर से पूछताछ और बुकिंग बढ़ने लगी है।
दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों में 4 अक्टूबर को आई इस विनाशकारी प्राकृतिक आपदा में 20 से अधिक लोगों की जान गई, जबकि 25 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। सैकड़ों परिवारों के घर बह गए हैं और कई लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन, जीटीए (गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन) और जनप्रतिनिधियों की टीम लगातार प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही है। मिरिक क्षेत्र के तामाकोशी में बाढ़ और भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है। यह क्षेत्र, जो पहले एक लोकप्रिय प्राकृतिक पर्यटन स्थल था, अब पूरी तरह उजाड़ हो चुका है। बाढ़ में पांच होमस्टे बह गए हैं, जबकि कई अन्य क्षतिग्रस्त हुए हैं। फिर भी स्थानीय लोग उम्मीद नहीं खोए हैं। होमस्टे संचालिका असविता छेत्री ने बताया कि हमने अपनी जीविका के लिए जो कुछ बनाया था, सब कुछ बाढ़ में बह गया। कई लोग देखने आए, पर अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। हम सरकार की सहायता की प्रतीक्षा कर रहे हैं। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार की मदद से तामाकोशी क्षेत्र जल्द ही फिर से पर्यटन के नक्शे पर लौट आएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 13 अक्टूबर को दार्जिलिंग आने की संभावना है। मुख्यमंत्री इससे पहले दुधिया और मिरिक में आपदा पीड़ितों से मिल चुकी हैं। इस बार वे दार्जिलिंग और आसपास के प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करेंगी तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करेंगी।



