मिरिक (दीप मिलन प्रधान)। दार्जिलिंग जिले के मिरिक महकमा में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। शुक्रवार रात से जारी मूसलधार वर्षा के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। पहाड़ों पर भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घरों और रास्तों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। मिरिक नगरपालिका के वार्ड नंबर 9 स्थित सोह्र साले गांव में भूस्खलन के कारण एक घर दब गया। राहत टीमों ने एक व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन 12 वर्षीय बालिका और 10 वर्षीय बालक की मौके पर ही मौत हो गई। इसी प्रकार, वार्ड नंबर 3 में तीन लोगों की भूस्खलन की चपेट में आने से मृत्यु हुई। इसके अलावा, मेची ढांड गांव में एक ही परिवार के तीन सदस्य भूस्खलन में दबकर मारे गए, जबकि सियोक चाय बागान क्षेत्र में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय नागरिकों, प्रशासन और एसएसबी के जवानों ने संयुक्त रूप से राहत व बचाव कार्य शुरू किया। लगातार बारिश और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राहत कार्यों में बाधाएं आईं, लेकिन प्रयास लगातार जारी हैं। पूरे क्षेत्र में शोक और भय का माहौल है। भारी बारिश के कारण बालासन नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे दुधे-बालासन पुल का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके चलते मिरिक-सिलीगुड़ी मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। वाहनों को अब वैकल्पिक मार्गों से होकर गुजरना पड़ रहा है। वहीं, मिरिक से दार्जिलिंग को जोड़ने वाला 12ए राज्य मार्ग भी गोपालधारा फाटक क्षेत्र में भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया है। लगातार वर्षा के चलते पहाड़ी इलाकों में नए भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलने की अपील की है। स्थानीय लोग भी किसी अनहोनी से बचने के लिए सतर्कता बरत रहे हैं।



