नई दिल्ली। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रतिनिधियों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बुधवार को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। अधिकारियों और नेताओं द्वारा लद्दाख से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा किए जाने की संभावना है, जिसमें राज्य का दर्जा देने की मांग, छठी अनुसूची में शामिल करना और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक तथा अन्य हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई शामिल है। कर्तव्य भवन 3 में आयोजित यह बैठक, लेह में हाल ही में हुई हिंसा के बाद लद्दाख के नेतृत्व और गृह मंत्रालय (एमएचए) के बीच पहली औपचारिक वार्ता है। लेह में हुई हिंसा में चार नागरिकों की मौत हो गई थी और लगभग 100 अन्य घायल हो गए थे। लेह एपेक्स बॉडी की ओर से बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में थुपस्तान छेवांग, छेरिंग दोरजय और अशरफ शामिल हैं, जबकि कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस का प्रतिनिधित्व असगर अली करबलाई, कमर अली अखुन और सज्जाद कारगिली कर रहे हैं। लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा जान भी दोनों संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए एक जनप्रतिनिधि के रूप में भाग ले रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में हिंसक झड़पों में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों को मुआवज़ा देने पर भी विचार-विमर्श होगा। यह चर्चा केंद्र सरकार द्वारा 24 सितंबर की हिंसा की सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच का आदेश देने के फैसले के बाद हो रही है, जिसके बाद लद्दाख निकाय बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमत हुए। इससे पहले, 6 अक्टूबर को, एलएबी और केडीए दोनों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने में विफलता का हवाला देते हुए केंद्रीय अधिकारियों से मिलने से इनकार कर दिया था। गृह मंत्रालय की आठ सदस्यीय उपसमिति में एलएबी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग, चेरिंग दोरजय लकरूक, अशरफ बार्च और लेह से वकील हाजी मुस्तफा शामिल हैं, जबकि केडीए का प्रतिनिधित्व असगर अली करबलाई, सज्जाद कारगिली, कमर अली अखून और कारगिल के सांसद हाजी हनीफा कर रहे हैं। 24 सितंबर को सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल के 15वें दिन, लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों के साथ झड़प की, सार्वजनिक भवनों में तोड़फोड़ की और भाजपा कार्यालय तथा पुलिस वाहन में आग लगा दी।



