कोलकाता। एसआईआर विवाद के बीच असम फॉरेन ट्राइब्यूनल ने बंगाल के कई निवासियों को एनआरसी नोटिस भेजा है। नागरिकता से जुड़े सभी दस्तावेज लेकर उन्हें असम के विभिन्न इलाकों में पेश होने के लिए तलब किया गया है। नोटिस पाने वाले लोग, पर्याप्त सबूत न दे पाने की स्थिति में डिटेंशन कैंप भेजे जाने के डर से बहुत परेशान हैं।
इस स्थिति में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी नेताओं को एनआरसी विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया है। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को कोलकाता के कैमैक स्ट्रीट स्थित कार्यालय में उत्तर दिनाजपुर जिला नेतृत्व के साथ बैठक में उन्होंने कई दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें राजवंशी समुदाय की सुरक्षा के लिए एनआरसी विरोध को मजबूत करना भी शामिल किया गया है।
अभिषेक बनर्जी २०२६ के विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को नया स्वरूप देने के प्रयास में विभिन्न जिलों के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। उत्तर दिनाजपुर में उन्होंने एनआरसी मुद्दे को चुनावी एजेंडे के रूप में प्रमुखता देने पर जोर दिया। इस जिले में राजवंशी वोट बैंक को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि समुदाय के लोगों को भेजे गए नोटिस के मद्देनजर एनआरसी विरोधी प्रचार और बढ़ाया जाए।
गौररतलब है कि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर शुरू किए गए च्हमारा पड़ोस, हमारा समाधानज् प्रोजेक्ट के तहत बूथ स्तर पर कम से कम दो बैठकें करने और केंद्र सरकार की च्च्बंगाल के प्रति उपेक्षाज्ज् को मुद्दा बनाने को कहा है, साथ ही निर्देश दिया कि जिन बूथों में भाजपा ने जीत हासिल की है, वहां जाकर प्रचार करें कि केंद्र आवास योजना की राशि रोक रहा है।
अभिषेक ने स्पष्ट किया कि एनआरसी और एसआईआर को लेकर केंद्र विरोधी लड़ाई में यह मुद्दे तृणमूल के प्रमुख हथियार होंगे। उन्होंने संकेत दिया कि जरूरत पड़ने पर जिला नेतृत्व में बदलाव भी किया जा सकता है। उनके अनुसार पुराने, समर्पित कार्यकर्ताओं को प्रचार के अग्रिम मोर्चे पर लाना होगा।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में उन्होंने रायगंज लोकसभा सीट पर हार को लेकर भी सवाल उठाए हैं। सोमवार को उन्होंने उत्तर दिनाजपुर के अलावा मुर्शिदाबाद जिला नेतृत्व के साथ भी बैठक की और विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट होकर संघर्ष के लिए तैयार रहने का संदेश दिया।