सिलीगुड़ी (निज संवाददाता)। एसआईआर के नाम पर वास्तविक वोटरों के नाम को नहीं हटाया जा सकता, इस मांग को लेकर दार्जिलिंग जिला माकपा सडक़ पर उतर आई है। आज जिला सचिव समन पाठक के नेतृत्व में संगठन के कर्मी एवं समर्थकों ने हिलकार्ट रोड स्थित अनिल विश्वास भवन के सामने से एक जुलूस निकाला, जो महकमा शासक के कार्यालय के सामने पंहुचा। वहां महकमा शासक के माध्यम से निर्वाचन आयोग को सात सूत्री मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन प्रदान किया गया।
समन पाठक ने कहा कि बिहार के निर्वाचन से पहले एसआईआर के नाम पर 65 लाख वोटरों के नाम तालिका से हटा दिये गये। इसके बाद से पूरे राज्य के साथ-साथ दार्जिलिंग जिले में भी लोगों के मन में भय पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कागजात देखने के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है। नागरिकता देखने का अधिकार निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं पड़ता है। उसके लिए अलग प्रक्रिया है। बिहार में एसआईआर के नाम पर निर्दिष्ट समुदाय के लोग ही नहीं, अधिकांश श्रमजीवियों के नाम वोटर लिस्ट से काट दिये गये हैं। जो लोग वास्तविक वोटर हैं एवं काम के वास्ते बाहर दूसरे राज्य में गये हैं, उनके नाम भी काट दिये गये हैं। इस कारण समन पाठक ने कहा कि चुनाव आयोग को एसआईआर करने से पहले सभी राजनैतिक दलों के साथ बातचीत करनी होगी। बीएलओ के काम पर लगाये गये लोग कौन है, उसकी जांच करनी होगी। अगर एसआईआर के नाम पर पिछले दरवाजे एनआरसी लागू करने की चेष्टा हुई, तो इसका कड़े तेवर के साथ विरोध किया जायेगा। कोई भी वास्तविक वोटर का नाम नहीं काटा जा सकता।
एसआईआर के नाम पर पिछले दरवाजे से एनआरसी लागू करने की चेष्टा हुई, तो होगा विरोध : समन पाठक
