Wednesday, August 27, 2025
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किताब-कापी वाले हाथों में हथियार !

मनोज कुमार अग्रवाल
जुबेनाइल एक्ट की सहूलियत और नरमी क्या देश के बाल व किशोर अपचारियो को अपराध की दुनिया में प्रवेश करने के लिए सहायक बन गयी है? किशोर बेखौफ अपराध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें कोई सक्चत सजा मिलने वाली नहीं है। इन दिनों देश के शिक्षण संस्थान स्कूल कॅालेज हिंसा और अपराध की घटनाओं से दहल रहे हैं। जिन कोमल हाथों में किताब कापी पेंसिल होनी चाहिए वह चाकू छुरा और तमंचे उठा कर सहपाठी छात्र छात्राओं और अध्यापक-अध्यापिकाओं का कत्ल कर रहे हैं।
उत्तराखंड के काशीपुर और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और गुजरात के अहमदाबाद से आई अलग-अलग घटनाओं ने छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गुजरात में एक आठवीं कक्षा के छात्र ने दसवीं कक्षा के छात्र की मामूली विवाद के बाद चाकू घोंप कर हत्या कर दी। वहीं एक मामले में उधमसिंह नगर में छात्र ने मामूली विवाद पर अपने शिक्षक को गोली मार दी, तो यूपी के गाजीपुर में एक मामले में एक छात्र ने अपने सहपाठी की चाकू से गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी। ये वारदात बता रहीं हैं कि किशोर वय के छात्रों का अपराध और खूनखराबे की ओर रूझान बढ़ रहा है उन्हें न शिक्षकों अभिभावकों का कोई भय है नही पुलिस और कानून का कोई खोफ है। ऐसे हालात में समाज किस ओर जा रहा है आसानी से अन्दाज लगा सकते हैं।
गुजरात के अहमदाबाद में ‘सेवंथ डे’ स्कूल में 10वीं के छात्र की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोपी एक 8वीं क्लास का बच्चा है। अब आरोपी की अपने फ्रेंड के साथ एक चैट वायरल हो रही है, जो काफी दर्दनाक है। हत्या की बात आरोपी बच्चे ने अपने दोस्त को प्राइवेट चैट पर बताई, जिसपर फ्रेंड ने कहा, ‘मार क्यों डाला? खैर जो होना था अब हो गया। यह चैट डिलीट कर दो और कहीं छुप जाओ।’
आपको बता दें कि 10वीं क्लास का छात्र रोज की तरह अहमदाबाद के खोखरा इलाके में अपने सेवेंथ डे स्कूल आया था। उसे तैयार करके स्कूल भेजने वाले मां-बाप को क्या पता था कि ये उसकी जिंदगी का आखिरी दिन बन जाएगा। स्कूल में 8वीं के छात्र से उसका कुछ दिन पहले धक्का-मुक्की को लेकर मामूली झगड़ा हुआ था। मामला खत्म हो गया। लेकिन जूनियर छात्र की आंखों में खून उतरा हुआ था। स्कूल की छुट्टी होने पर 10वीं का छात्र घर के लिए निकला। कुछ दूर पहुंचा था, तभी 8वीं का जूनियर छात्र वहां आया और चाकू निकालकर ताबड़तोड़ वार करने लगा। इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई। मां की शिकायत पर हमलावर छात्र को जूवेनाइल एक्ट के तहत डिटेन कर लिया गया है। घटना से गुस्साए लोगों ने स्कूल में जमकर तोडफ़ोड़ की। क्राइम ब्रांच ने हमलावर छात्र की मदद के आरोप में एक शक्चस को गिरक्रतार भी किया है।
गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक बेहद डरावनी घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। जहां स्कूल के पूर्व छात्र सूर्यांश कोचर (18) ने सोमवार को अपनी पूर्व टीचर स्मृति दीक्षित (26) पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। यह हमला कथित रूप से एक निजी रंजिश के चलते किया गया, जो एक शिकायत से जुड़ी थी। टीचर ने आरोपी के खिलाफ शिकायत की थी, जिसका बदला लेने के लिए पेट्रोल छिडक़ टीचर को आग लगा दी।
उधर उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में स्थित एक निजी स्कूल में बुधवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। यहां 9वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने ही शिक्षक पर तमंचे से फायर कर दिया। जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले शिक्षक ने किसी बात पर छात्र को थप्पड़ मार दिया था, जिससे छात्र नाराज था।
बुधवार को छात्र अपने लंच बॉक्स में तमंचा छिपाकर स्कूल पहुंचा और क्लासरूम में ही शिक्षक पर गोली चला दी। गोली शिक्षक के दाहिने कंधे के नीचे लगी, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस सनसनीखेज वारदात के बाद पूरे जिले के शिक्षकों में भारी रोष है। उत्तराखंड में सीबीएसई बोर्ड से जुड़े कई अध्यापक घटना के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके चलते काशीपुर सहित कई जगहों पर स्कूल बंद रखे गए हैं। पुलिस ने आरोपी छात्र को हिरासत में लेकर तमंचा बरामद कर लिया है और मामले की जांच कर रही है।
वहीं ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली घटना सोमवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में भी देखने को मिली। यहां एक निजी स्कूल में छात्रों के बीच हुए मामूली विवाद ने खूनी रूप ले लिया। कक्षा 9 के एक छात्र ने 10वीं के छात्र आदित्य वर्मा पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया, जिससे आदित्य की मौके पर ही मौत हो गई।
बताया गया है कि आरोपी छात्र मेटल की पानी की बोतल में चाकू छिपाकर स्कूल लाया था। बताया जा रहा है कि आदित्य दो छात्रों के बीच हो रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहा था, तभी आरोपी ने उस पर हमला कर दिया। बीच-बचाव करने आए तीन अन्य छात्र भी इस हमले में घायल हो गए।
मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र के गांव गगोल में बीती 31जुलाई को क्रिकेट खेलने के दौरान हुए मामूली विवाद ने एक परिवार का चिराग बुझा दिया। गुरुवार देर शाम गांव के ही दो नाबालिग भाइयों ने चिराग उर्फ मुरली (15) की पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना बुधवार को शुरू हुई जब चिराग अपने दोस्तों के साथ टेंपो स्टैंड के पास क्रिकेट खेल रहा था। इसी दौरान उसका वहां रहने वाले दो नाबालिग भाइयों से विवाद हो गया। दोस्तों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया था।
हाल ही में हरियाणा के हिसार में गुरु पूर्णिमा के दिन 10 जुलाई को एक प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल की दो छात्रों ने कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी। उन्हें प्रिंसिपल ने केवल बाल कटवाने और शर्ट अंदर करने के लिए कहा था। पुलिस ने बताया कि आरोपी छात्रों ने प्रिंसिपल पर एक बार नहीं बल्कि कई बार चाकू से वार किया और उन्हें बुरी तरह से लहूलुहान कर दिया।
एक वारदात में उत्तरप्रदेश के मुजक्रफरनगर के एक इंटर कॉलेज में टीसी लेने आए एक छात्र को स्कूल के अंदर 7-8 छात्रों के गु्रप ने मारपीट कर अधमरा कर दिया हाल ही मे बिहार के माछीपुर में एक छात्र ने एक छात्रा पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर गंभीर जक्चमी कर दिया। मामला एक तरफा प्यार का बताया जा रहा है दोनों एक ही ट्यूशन क्लास में पढ़ते थे छात्र के इजहार को ठुकराने से खफा होकर छात्र ने छात्रा को चाकू से गोद डाला। गुस्साइ भीड़ ने हमलावर छात्र को मारपीट कर पुलिस को सौंप दिया।
इन घटनाओं ने स्कूलों के भीतर छात्रों द्वारा हथियार ले जाने और मामूली विवादों पर जानलेवा हमला करने की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इन वारदातों ने अभिभावकों, शिक्षकों और प्रशासन को सकते में डाल दिया है।
ये घटनाएं तो महज बानगी मात्र हैं, लेकिन समस्या इससे भी कहीं गंभीर है। आए दिन इस तरह की घटनाएं कहीं न कहीं से सामने आती रहती हैं। सवाल ये है कि आखिर बच्चों में इतना गुस्सा बढ़ क्यों रहा है? इसकी एक वजह सोशल मीडिया पर खुली छूट और हिंसक संस्कृति को बताया जाता है। आजकल के बच्चे सोशल मीडिया और हिंसक वीडियो गेक्वस के साये में बड़े हो रहे हैं। बच्चे जो देखते हैं, उसी को अपनाने का प्रयास करते हैं। जब उनके मन-मुताबिक चीजें नहीं होतीं, तो वह आपे से बाहर हो जाते हैं। बच्चों में गुस्सा और तनाव बढ़ रही है। छोटी-छोटी बातों पर बच्चे हिंसक बर्ताव करने लगे हैं।
इसके साथ ही हमारा समाज बच्चों को एक अच्छे माहौल में परवरिश देने में नाकाम होता जा रहा है। घर घर में ईर्ष्या लडाई झगड़े तनाव हिंसा गाली गलौज बच्चों और किशोरों के मन पर बेहद बुरा असर डाल रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि कच्चे मन में जो गांठ बन रही है, उसके समाधान का समय से इंतजाम किया जाना चाहिए और बच्चों को स्वस्थ माहौल में परवरिश दी जाए।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं
संपर्क : 9219179431

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