लोगों ने जागकर बिताई पूरी रात
करीब 70 घरों में घुसा बाढ़ का पानी
उदलाबाड़ी (निज संवाददाता)। तीस्ता नदी के डर से बचने की जद्दोजहद में टोटगांव के निवासियों ने पूरी रात जागकर बितायी। इसी बीच माल प्रखंड के प्रशासनिक अधिकारियों ने भी रात भर सतर्क प्रहरी की तरह लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास करते रहे। सिक्किम की पहाड़ियों में तीस्ता नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हाल की भारी बारिश के कारण जलस्तर असामान्य रूप से बढ़ने की आशंका पहले से ही जताई गई थी। इसी के मद्देनजर सोमवार रात से ही टोटगांव के तीस्ता नदी के तट पर रहने वाले निवासियों को सतर्क कर दिया गया था।
टोटगांव के युवक अमर छेत्री और राकेश महंत ने बताया कि रात 11 बजे के बाद तीस्ता का पानी गांव में तेजी से घुसने लगा। हालात इतनी तेजी से बिगड़ गए कि दो साल पहले के लोनाक झील आपदा की रात की यादें ताजा हो गईं। पानी बढ़ते देख लोग जो कुछ भी हाथ लगा, उसे लेकर ऊंचे स्थानों की ओर भागने लगे। बागराकोट ग्राम पंचायत सदस्य अनुप शर्मा ने कहा कि 70 घर जलमग्न हो गए हैं। निवासियों को घरों से निकाल लिया गया है, लेकिन बतख, मुर्गियों सहित कई पालतू पशु मारे गए हैं।
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए माल ब्लॉक के बीडीओ रश्मिदीप्त विश्वास, जॉइंट बीडीओ तौफिक अली समेत प्रशासनिक अधिकारी रात में ही राहत सामग्री लेकर टोटगांव पहुंच गए। विस्थापितों को पास ही के एलनबाड़ी चाय बागान के प्राथमिक विद्यालय में अस्थायी राहत शिविर में शरण दी गई। वहां बच्चों को दूध, चॉकलेट, बिस्कुट और अन्य सूखा खाद्य सामग्री दी गई। बीडीओ रश्मिदीप्त विश्वास ने कहा कि प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है।
मंगलवार सुबह भी टोटगांव चारों ओर पानी से घिरा था। हालांकि रात के मुकाबले जलस्तर में काफी कमी आई, जिससे कुछ लोग आवश्यक सामान की तलाश में अपने घरों में लौटते भी देखे गए। गांव को बचाने के लिए तीस्ता नदी पर अब कोई नया बांध नहीं बनेगा, यह सच्चाई अब टोटगांव के लोगों ने स्वीकार कर ली है। इसी कारण खेत-खलिहान, जमीन-जायदाद छोड़कर सिर्फ जीवित रहने की चाह में टोटगांव के आपदा प्रभावित परिवारों को सुंदरबस्ती इलाके में जमीन का पट्टा देने की प्रक्रिया प्रशासनिक स्तर पर काफी आगे बढ़ चुकी है, यह जानकारी तृणमूल के बागराकोट अंचल समिति के अध्यक्ष राजेश छेत्री ने दी।