Wednesday, August 27, 2025
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राजगंज में लेप्टोस्पाइरा और हेपेटाइटिस बीमारियों का कारण ढूंढने में लगे सरकारी विभाग

राजगंज में लेप्टोस्पाइरा और हेपेटाइटिस बीमारियों का कारण ढूंढने में लगे सरकारी विभाग
जलपाईगुड़ी (संवाददाता)। जिले के राजगंज स्थित चेकानमारी गांव में लेप्टोस्पाइरा और हेपेटाइटिस ए के प्रकोप के बाद इसकी रोकथाम हेतु संबंधित सरकारी विभाग सक्रिय हुए हैं। इसी कड़ी में आज पशु संसाधन विकास विभाग, पीएचई और स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
जानकारी के अनुसार, पशु संसाधन विकास विभाग ने संन्यासीकाटा पंचायत के चेकनमारी गांव में एक पोल्ट्री फार्म के विभिन्न स्रोतों से गंदे पानी के नमूने एकत्र किए। इन नमूनों को कोलकाता स्थित पशु संसाधन विभाग की प्रयोगशाला में यह पता लगाने के लिए भेजा गया है कि क्या लेप्टोस्पाइरा रोग वास्तव में चूहे के मूत्र के कारण होता है। दूसरी ओर, पीएचई विभाग ने गांव में ट्यूबवेल का पानी पीने पर प्रतिबंध लगा दिया है। विभाग ने आज स्थानीय लोगों के बीच अपना स्वयं का पैकेज्ड पेयजल वितरित किया।
इस दौरान, पशु संसाधन उपनिदेशक डॉ. अभिजीत मंडल और जिला पशु चिकित्सा अधिकारी सुबोध पाल व अन्य मौके पर गए। उन्होंने चूहों को देखा। पोल्ट्री फार्म के अंदर से गंदा पानी नाले के रास्ते बाहर आ रहा है। चूहे वहीं से अंदर आते हैं। अगर बारिश होती है, तो चूहे का मूत्र पानी में मिल सकता है। उन्होंने बताया कि पानी के नमूने पहले कोलकाता भेजे जाएंगे और जरूरत पडऩे पर विभाग राज्य से बेंगलुरु भी भेज सकता है।
इस बीच, पीएचई विभाग की ओर से भी आज गांव में ट्यूबवेल के पानी के नमूने लिये गये। विभाग के कार्यपालक अभियंता सोमनाथ चौधरी ने कहा कि वे अपनी प्रयोगशाला में ट्यूबवेल के पानी में बैक्टीरिया की मौजूदगी की पहचान कर सकते हैं। लेकिन विशिष्ट बीमारियों के बैक्टीरिया की पहचान उनकी प्रयोगशाला में नहीं होती। फिलहाल, विभाग ने आज से ही निवासियों को पैकेज्ड पेयजल वितरित करना शुरू कर दिया है। दो दिन बाद जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जाएगा कि ट्यूबवेल का पानी पिया जा सकता है या नहीं। अभी इसे पीने पर रोक लगा दी गई है।
वहीं, दोनों ही बीमारियों के पानी से फैलने के कारण प्रशासन ने मुर्गी फार्मों में गंदे और अस्वास्थ्यकर वातावरण में रहने पर रोक लगा दी है। पशु संसाधन विकास विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि पानी से जुड़े बैक्टीरिया कैसे संक्रमित हुए।
इस बीच, जिला मुक्चय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. असीम हालदार ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने इलाके में घर-घर जाकर सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। कई लोगों के रञ्चत के नमूने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं। निवासियों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। जरूरतमंद लोगों को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है। उनके अनुसार, संन्यासीहकाटा में अब तक 9 लोग लेप्टोस्पाइरा रोग और 6 लोग हेपेटाइटिस ए से संक्रमित पाए गए हैं।
इसी बीच, दिन राजगंज के विधायक खगेश्वर राय ने इलाके और स्थानीय सरकारी अस्पताल का दौरा किया।

 

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