Thursday, August 28, 2025
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श्रीकृष्ण के जीवन संदेश को खुद के अंदर उतारे : मुनिश्री आनंद कुमार जी

– तेरापंथ सभा भवन में विशेष प्रवचन माला का हुआ आयोजन                                                                    सिलीगुड़ी (निज संवाददाता)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में शनिवार को तेरापंथ भवन में विशेष प्रवचन माला का आयोजन किया गया। इस मौके पर तेरापंथ भवन में चातुर्मास कर रहे मुनिश्री ने लोगों को संदेश दिया। इस दौरान मुनिश्री ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्म से महान नहीं थे, बल्कि कर्म से बने। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनिश्री के द्वारा महामंत्रोचार के साथ हुआ। तत्पश्चात मुनिश्री ने ‘आपणै तो देव गुरु धर्म से आधार’ पर भाव पूर्ण प्रेरणा दायक गीतिका से भाव विभोर कर दिया। मुनिआनंद कुमार जी ‘कालू’ ने कहा कि जब जब धरा पर धर्म की हानि हुई तब राम, रहीम, श्रीकृष्ण, गुरु नानक, कबीर, गांधी, बुद्ध, महावीर, भिक्षु, जयाचार्य, तुलसी, महाप्रज्ञ, महाश्रमण जैसे महापुरुषों का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण जन्म से नहीं कर्म से महान बने थे। श्रीकृष्ण हम सब में हैं और श्री कृष्ण हम सब के हैं, बस जरूरत है अपने अन्दर झांक कर उन्हें देखने-समझने और महसूस करने की मानवीय जीवन की।

मुनिश्री ने अपने प्रवचन माला से कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा में पर्व-त्योहार की लंबी श्रृंखला हैं जो हमारी सास्कृतिक विरासत का प्रतीक है। श्रीकृष्ण के जीवन संदेश को खुद के अंदर उतारें। हम सभी श्रीकृष्ण के जीवन संदेश को खुद में उतारें जिसके साथ जीवन सरल और सुगम बन जाए। मुनिश्री आनंद कुमार जी ने श्रीकृष्ण जनमाष्टमी के पावन अवसर पर सिलीगुड़ी स्थित तेरापंथ सभा भवन में श्रावक समाज, प्रदेश और देशवासियों को बधाई और समाज, प्रदेश और देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी के त्योहार में पारंपरिक रीति-रिवाज से मनाया जाता है। इस मौके पर मुनिश्री विकास कुमार जी ने ‘‘रूं रूं में सांवरियो रमग्यो, सांवरियो रमग्यो, जबरो दीप जलायो हो, सांवरियो।’’ भावपूर्ण गीतिका की प्रस्तुति देखकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस अवसर पर काफी संक्चया में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे।

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