कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है, लेकिन एक साल पहले से ही पूरा बंगाल चुनावी मोड में है। आज सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शहीद सभा को संबोधित करेंगी और 2026 के चुनाव की रणनीति का ऐलान करेंगी
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद कार्यक्रम स्थल का दौरा कर राजनीतिक बयानबाजी को और धार दे दी। रविवार को ममता बनर्जी धर्मतल्ला पहुंचीं और 21 जुलाई की सभा की तैयारियों का जायजा लिया। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने 1993 की 21 जुलाई की घटना को याद किया, जब पुलिस फायरिंग में 13 युवा तृणमूल समर्थक मारे गए थे। ममता ने कहा, ‘हमारे आंदोलन को सीपीएम रोक नहीं पाई। उन्होंने मतदान के अधिकार को कुचलने की कोशिश की थी। उस समय हमारी मांग थी।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब अन्य दल बिना अनुमति के नबान्न अभियान चला सकते हैं, तो हमें एक दिन की श्रद्धांजलि सभा करने से कौन रोक सकता है? उन्होंने सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हमारे शहीदों को याद करना अपराध है? ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बार-बार तृणमूल कांग्रेस के कार्यक्रमों पर सवाल उठाए जाते हैं, जबकि विपक्ष के ऐसे अभियानों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है। यह आयोजन 1993 में कोलकाता में हुए पुलिस गोलीकांड की याद में किया जाता है, जिसमें कांग्रेस (तब युवा कांग्रेस) के नेता के रूप में ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान 13 कार्यकर्ताओं की जान गई थी। यह रैली मतदाता पहचान पत्र को अनिवार्य करने की मांग को लेकर की गई थी।
रविवार को ममता बनर्जी ने उसी घटना को याद करते हुए कहा, सीपीएम उस समय लोकतंत्र की आवाज को दबाना चाहती थी। हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस गोलीबारी की गई, जिसमें 13 युवा शहीद हो गए और 150 से अधिक घायल हुए।
21 जुलाई की सभा को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट ने राज्य प्रशासन को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने साफ किया है कि जनसुविधा, यातायात और आपातकालीन सेवाओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडऩा चाहिए। हालांकि, अदालत ने सभा पर कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की असुविधा पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, सीपीएम हमें नहीं रोक सकी, भाजपा भी नहीं रोक पाएगी्र। जब दूसरे बिना अनुमति के कार्यक्रम करते हैं, तब आपत्ति नहीं होती, लेकिन जब हम शहीदों को याद करते हैं, तो सवाल खड़े किए जाते हैं। उन्होंने कार्यक्रम की तैयारियों के लिए प्रशासन, पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
ममता ने यह भी बताया कि अब तक एक लाख से अधिक लोग कोलकाता पहुंच चुके हैं। बारिश और नदियों से छोड़े गए पानी के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं, लेकिन इसके बावजूद कार्यकर्ताओं का उत्साह कम नहीं हुआ है।
अपने संबोधन में ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और भाजपा शासित राजयों पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकारें वोट डालने से लोगों को रोक रही हैं। जैसा पहले सीपीएम करती थी, वैसा ही आज भाजपा कर रही है। पर हम डरने वाले नहीं हैं।
तृणमूल कांग्रेस के लिए शहीद दिवस केवल एक स्मृति कार्यक्रम नहीं, बल्कि पार्टी की राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का अवसर भी होता है। 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी इस मंच से अपनी चुनावी रणनीति का ऐलान भी कर सकती हैं, पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बार की सभा का मुक्चय फोकस बंगाली अस्मिता, केंद्र की वंचना और विपक्ष की कथित दमनकारी नीतियों पर होगा।
सीएम ममता आज शहीद सभा से फूकेंगीं चुनावी बिगुल
