Wednesday, August 27, 2025
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उत्तर बंगाल में पूर्वानुमान बताने वाले दो शक्तिशाली रडार लगायेगा मौसम विभाग

जलपाईगुड़ी (संवाददाता)। उत्तर बंगाल के पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए उत्तर बंगाल के दो जिलों में शक्तिशाली मौसम पूर्वानुमान रडार लगाए जा रहे हैं। मौसम विभाग मालदा और जलपाईगुड़ी जिलों में 150 से 300 किलोमीटर कवरेज वाले दो रडार लगाने जा रहा है। दक्षिण बंगाल के डायमंड हार्बर में भी एक रडार लगाया जा रहा है। इनके अलावा, सिक्किम और गुवाहाटी में भी अन्य शक्तिशाली रडार लगाए जा रहे हैं। ये रडार बादल फटने, चक्रवात, बवंडर जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का पहले ही पूर्वानुमान लगा कर उसकी सूचना देंगे। सोमवार को जलपाईगुड़ी में क्षेत्रीय मौसम विभाग का निरीक्षण करने आए राष्ट्रीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने एक संवाददाता सक्वमेलन में यह जानकारी दी।

महानिदेशक ने यह भी बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में 53 शक्तिशाली रडार लगाने की योजना बनाई गई है, ताकि हम चक्रवात, बवंडर या बादल फटने जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान (अब कास्ट) 2-3 घंटे के भीतर दे सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इन्हें लगाने का काम बहुत जल्द शुरू होगा।

गौरतलब है कि उत्तर बंगाल के हिमालयी तराई क्षेत्र के दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और मैदानी इलाकों में प्राकृतिक आपदाएं धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। खास कर सिक्किम में होने वाली भारी बारिश ने हाल के दिनों में समतल की नदियों पर प्रभाव डालना शुरु किया है। ऐसे में, बादल फटने जैसी बरसात या झील टूटना, मैनागुड़ी में बवंडर जैसी प्राकृतिक आपदाएं हो रही हैं। उत्तर बंगाल के मैदानी इलाकों में भी चक्रवात और बवंडर आ रहे हैं और पूर्वोत्तर में भी भारी बादल फटने जैसी बारिश हो रही है। इस स्थिति में, मौसम विभाग ने असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में कई शक्तिशाली रडार लगाने की योजना बनाई है।

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इन रडारों में से कुछ 150 किलोमीटर और कुछ 300 किलोमीटर के दायरे में बड़ी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बड़ी प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ हाल के दिनों में बिजली गिरने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। इसलिए, रडार के साथ ही जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर, मालदा, दक्षिण दिनाजपुर और कूचबिहार जिलों में बिजली गिरने के पूर्वानुमान उपकरण भी लगाए जाएंगे। महानिदेशक के अनुसार, इन उपकरणों से बिजली गिरने की भविष्यवाणियां पहले ही कर दी जाएगी।
वहीं, संवाददाता सम्मेलन में मृत्युंजय महापात्र ने पिछले तीन दशकों में उत्तर बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत के मौसम में धीरे-धीरे आ रहे बदलाव पर चिंता भी जताई। वर्तमान में जहां पहाड़ी इलाकों में भी दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहता है, वहीं रात में तापमान उतना नहीं गिरता जितना गिरना चाहिए। बारिश समय पर नहीं होती और कभी लगातार बारिश के कारण आपदाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने प्रकृति के इस रवैये के लिए लगातार शहरीकरण के बढ़ते विकास को जिम्मेदार ठहराया।

डॉ. महापात्र ने आज कोलकाता मौसम विभाग के निदेशक सोमनाथ दत्ता और सिक्किम मौसम विभाग के निदेशक गोपीनाथ राहा के साथ जलपाईगुड़ी क्षेत्रीय मौसम विभाग का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जलपाईगुड़ी के क्षेत्रीय बाढ़ माप विज्ञान केंद्र को उत्तर बंगाल के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि इसके बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाया जा रहा है।

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