दार्जिलिंग (निज संवाददाता)। दार्जिलिंग, तराई और डुवार्स क्षेत्र के चाय बागानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए इस वर्ष 2024-25 का पूजा बोनस 20 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इस संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार के अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने आज एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। भारतीय गोर्खा प्रजातांत्रिक मोर्चा (भागोप्रमो) की श्रमिक इकाई हिल तराई डुवार्स प्लांटेशन वर्कर्स यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष जेवी तमांग ने इस समाचार की पुष्टि करते हुए कहा कि बोनस की यह दर पार्टी सुप्रीमो एवं जीटीए प्रमुख अनित थापा के निरंतर प्रयासों और श्रम मंत्री मलय घटक से उनकी बैठक का प्रतिफल है।
श्री तमांग ने कहा कि जब अनित थापा जैसे नेतृत्वकर्ता हों, तब सब कुछ संभव है। हमने पहले भी आंदोलन किए, धरने दिए, लेकिन 20 प्रतिशत बोनस की मांग तब पूरी नहीं हुई थी। इस बार अनित थापा ने व्यक्तिगत रूप से राज्य के श्रम मंत्री से संवाद कर यह सुनिश्चित किया कि श्रमिकों को उनका हक मिले। हम उनके आभारी हैं। गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा की श्रमिक इकाई दार्जिलिंग तराई डुवार्स प्लांटेशन लेबर यूनियन के अध्यक्ष सुरज सुब्बा ने भी 20 प्रतिशत बोनस की घोषणा का स्वागत करते हुए बताया कि वे पहले ही इस मांग को लेकर सरकार से पत्राचार कर चुके थे। श्री अनित थापा ने कहा कि अब आंदोलन की जरूरत नहीं, बोनस मिलकर रहेगा।
जीटीए प्रमुख अनित थापा ने इस संदर्भ में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि हर साल बोनस को लेकर श्रमिकों को आंदोलित होना पड़ता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मैंने श्रम मंत्री के साथ लंबी चर्चा की और 20 प्रतिशत बोनस का बेंचमार्क तय किया। कुछ यूनियन नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन आज सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। अब किसी को धरना देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि फेसबुक की सलाह से प्रशासन नहीं चलता और नकारात्मक सोच से श्रमिकों को कोई लाभ नहीं होगा। 20 प्रतिशत बोनस मिलेगा और मिलना ही चाहिए, उन्होंने दोहराया।
राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा 22 अगस्त 2025 को जारी परामर्श पत्र के अनुसार 20 प्रतिशत पूजा बोनस दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिक्वपोंग, तराई और डुवार्स के चाय बागानों के पात्र श्रमिकों को मिलेगा। बोनस का भुगतान 15 सितंबर 2025 से पहले अनिवार्य रूप से करना होगा। जिन कर्मचारियों का वेतन निर्धारित सीमा से अधिक है, उन्हें उसी वर्ष बोनस मिलेगा जब वे उस सीमा के अंतर्गत आए हों। बोनस पूर्ण मासिक वेतन के आधार पर और बिना किसी कटौती के दिया जाएगा। श्रम विभाग ने शांति, अनुशासन और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। निगरानी की जिक्वमेदारी श्रम आयुक्त के अधीन होगी। अब जब सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, बागान प्रबंधन की जिक्वमेदारी है कि वह निर्धारित समयसीमा के भीतर बोनस का भुगतान सुनिश्चित करे।