कोलकाता (हि.स.)। असम में बांग्ला भाषी मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ कथित भेदभाव के आरोपों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। इन लोगों के पास वैध भारतीय दस्तावेज नहीं होने और संदिग्ध बांग्लादेशी होने को लेकर जारी विवाद के बावजूद उन्होंने कहा है कि जो लोग अपनी मातृभाषा और पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वह उनके साथ खड़ी हैं। ममता ने इस मुद्दे को लेकर असम सरकार की आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण करार दिया।
मुक्चयमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को अपने एक्स हैंडल से बयान जारी करते हुए लिखा, ‘देश की दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है बांग्ला और असम में भी यह दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। ऐसे नागरिक जो सभी धर्मों और भाषाओं का सक्वमान करते हुए शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व की भावना से जीना चाहते हैं, उन्हें सिर्फ अपनी मातृभाषा के लिए प्रताडि़त किया जाना संविधान के खिलाफ है। असम में भाजपा की विभाजनकारी नीति सारी सीमाएं लांघ चुकी है। मैं हर उस निर्भीक व्यक्ति के साथ हूं जो अपनी मातृभाषा की गरिमा और अपनी पहचान के लिए लड़ रहा है।’
इससे पहले ममता बनर्जी ने एक पोस्ट में कहा था, ‘मैं यह जानकर स्तब्ध और बेहद व्यथित हूं कि असम में विदेशी न्यायाधिकरण ने कूचबिहार के दिनहाटा में 50 से ज्यादा वर्षों से रह रहे राजबंशी उत्तम कुमार बृजवासी को एनआरसी नोटिस जारी किया है। वैध पहचान पत्र देने के बावजूद उन्हें ‘विदेशी/अवैध प्रवासी’ होने के संदेह में परेशान किया जा रहा है। यह लोकतंत्र पर एक सुनियोजित हमले से कम नहीं है। यह इस बात का प्रमाण है कि असम में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार बंगाल में एनआरसी लागू करने की कोशिश कर रही है, जहां उसके पास कोई शक्ति या अधिकार क्षेत्र नहीं है।’
ममता बनर्जी ने पहले भी भाजपा शासित राज्यों में ‘बांग्ला’ बोलने वाले मजदूरों और प्रवासियों की कथित तौर पर गिरक्रतारी का मुद्दा उठाया। इसको लेकर उन्होंने कोलकाता में मार्च भी किया। कवि, नाटककार और गीतकार द्विजेंद्रलाल रॉय की जयंती पर भी शुक्रवार को ममता बनर्जी ने आरोप लगाए कि पूरे देश में बंगाली भाषा और बंगालियों के खिलाफ एक गहरी साजिश चल रही है।
मुक्चयमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रक्चयात कवि, नाटककार और गीतकार द्विजेन्द्रलाल राय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि राय की रचनाएं आज के समय में और भी प्रासंगिक हो गई हैं, जब देशभर में बंगाली भाषा और बंगालियों के विरुद्ध एक गहरा षड्यंत्र देखने को मिल रहा है।
मुक्चयमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘देशभक्त कवि, नाटककार और गीतकार द्विजेन्द्रलाल राय की जयंती के अवसर पर हम उनकी रचनाओं को स्मरण करते हैं और बंगाली भाषा तथा साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज जब बंगाली भाषा और बंगालियों के खिलाफ एक गहरी साजिश दिखाई दे रही है, ऐसे समय में उनकी रचनाओं को याद करने की इच्छा और भी प्रबल हो जाती है।’
मातृभाषा के सम्मान की लड़ाई लडऩे वालों केसाथ हूं : ममता
