Sunday, November 9, 2025
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कोलकाता में करंट से मौतों पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका, मुआवजा और जांच की मांग

कोलकाता । ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कोलकाता में करंट लगने से हुई मौतों के मामले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। मंगलवार को शहर और उसके आसपास भारी बारिश के बाद पानी में करंट फैलने से कुल दस लोगों की मौत हो गई थी। बुधवार को सिद्दीकी ने अपनी याचिका में मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और इस तरह की घटनाओं की लगातार पुनरावृत्ति पर उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है और मामले की सुनवाई गुरुवार को जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस स्मिता दास डे की खंडपीठ के समक्ष होगी।

घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संजीव गोयनका के स्वामित्व वाली निजी बिजली वितरण कंपनी सीईएससी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कंपनी राज्य से भारी मुनाफा कमाने के बावजूद आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं देती। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद सीईएससी ने लापरवाही बरती, जिसके कारण जानें गईं। ममता बनर्जी ने मांग की कि कंपनी मृतकों के परिजनों को मुआवजा दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी उपलब्ध कराए। हालांकि कंपनी ने इससे साफ इनकार कर दिया और कहा कि महानगर में ट्रैफिक सिस्टम और खंभों की देखरेख का काम शहर प्रशासन का है ना कि उनका। जितनी मौतें हुई है, उनमें से अधिकतर घर के अंदर वायरिंग में गड़बड़ी की वजह से अथवा बाहर सड़क पर खंभे और ट्रैफिक सिग्नल से करंट लगने से।

इसी बीच, मंगलवार रात सीईएससी की ओर से एक बयान जारी किया गया। कंपनी ने कहा कि शहर में हुई आठ मौतों में से पांच घरों के भीतर खराब वायरिंग की वजह से हुईं। दो मामले स्ट्रीट लाइट पोल छूने से जुड़े थे, जिन्हें आमतौर पर सीईएससी मेंटेन नहीं करता, जबकि एक मामला ट्रैफिक सिग्नल बॉक्स से संबंधित था। कंपनी ने कहा कि वह आगे से और सतर्क रहेगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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