कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एजेंसी ने राज्य सरकार को बिना पूर्व सूचना दिए 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़कर विजयादशमी के दिन दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति ‘जानबूझकर’ बनाई। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर तीखा बयान जारी करते हुए डीवीसी की कार्रवाई को “लापरवाह” और “शर्मनाक” करार दिया। उन्होंने कहा कि विजयादशमी का दिन खुशियों और नई उम्मीदों का होता है, लेकिन डीवीसी ने बिना किसी सूचना के भारी जल छोड़ दिया। यह कदम पवित्र त्योहार के मौके पर बंगाल की जनता को दुख देने की साजिश जैसा है।
बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि “डीवीसी द्वारा रची गई आपदा” है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “मैं साफ कर देना चाहती हूं कि बंगाल का विसर्जन (बिसर्जन) कोई नहीं कर पाएगा। हमारी जनता के खिलाफ हर साजिश का डटकर मुकाबला होगा। सच्चाई झूठ पर विजय पाएगी और अच्छाई बुराई पर हावी होगी। जय मां दुर्गा!”
राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, मैथन और पंचेत जलाशयों से छोड़ा गया पानी दुर्गापुर बैराज और निचले इलाकों की ओर बहा, जिससे बांधकुरा, पूर्व बर्दवान, हावड़ा और हुगली जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन को सतर्क रहने और संवेदनशील नदी किनारे के इलाकों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। डीवीसी, जो केंद्र सरकार की एक एजेंसी है, ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पिछली घटनाओं में उसने पानी छोड़ने के फैसलों को तकनीकी आवश्यकता और बांध सुरक्षा से जुड़ा बताया था। ममता बनर्जी लंबे समय से डीवीसी पर जल प्रबंधन में लापरवाही, नदी की समय पर ड्रेजिंग न करने और राज्य सरकार के साथ समन्वय की कमी का आरोप लगाती रही हैं। उल्लेखनीय है कि 1948 में स्थापित डीवीसी पश्चिम बंगाल और झारखंड में 24 हजार 235 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला एकीकृत विद्युत उत्पादन उपक्रम है।



